राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने रविवार को राजभवन सभागार में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद्, भारत द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर गयाना के भारत में राजदूत डेविड गोल्डन पोलार्ड उपस्थित थे। इस अवसर पर लगभग 28 देशों के 100 से अधिक छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे जो भारत के विभिन्न संस्थानों केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आगरा, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली आदि में हिन्दी का अध्ययन कर रहे है। इनमें फीजी, गयाना, अफ्रीका, दक्षिण अफ्रीका के छात्र-छात्राएं थी।
विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल मौर्य ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि दुनिया के बहुत से देशों से विद्यार्थी भारत में हिन्दी व भारतीय संस्कृति का अध्ययन करने आ रहे हैं। मुझे विश्वास है कि यहां से हिन्दी का अध्ययन करके अपने देशों में वापस लौटकर यह विद्यार्थी भारतीय भाषाओं, संस्कृति, परम्पराओं व सभ्यता के प्रचार-प्रसार को प्रोत्साहित करेंगे। इस प्रकार भारत विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसर है। राज्यपाल मौर्य ने कहा कि भारत की संस्कृति में प्रकृति पूजा व पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च महत्व दिया गया है। यहां नदियांे, वृक्षो व विभिन्न वन्य प्राणियों को पूजा जाता है। युवाओं को इससे प्रेरणा लेनी चाहिये। राज्यपाल मौर्य ने कहा कि विदेशी छात्र-छात्राएं भारतीय संस्कृति को करीब से जानने के लिये भारतीय परिवारों के साथ समय बिताएं। भारत पारिवारिक मूल्यों व सामाजिक सौहार्द का देश है। भारतीय जीवन शैली एवं मूल्यों में जीवन की हर चुनौती का समाधान प्राप्त होगा।
राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थी देवभूमि उत्तराखण्ड में अधिक से अधिक पर्यटक स्थलों में जाए। उत्तराखण्ड सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य है।
इस अवसर पर गयाना के भारत में राजदूत डेविड गोल्डन पोलार्ड ने कहा कि विभिन्न देशों के मध्य सौहाद्रपूर्ण सम्बन्धों के लिये लोगों व विद्यार्थियों मध्य संवाद आवश्यक है। भारत विश्व में अपनी विशेष पहचान व स्थान रखता है। विद्यार्थी भारतीय संस्कृति से बहुत नयी बाते सीख सकते हैं।
इस अवसर पर मधु बेरी, भारतीय विदेश सम्पर्क विभाग की प्रमुख रजनी सरीन, नन्द किशोर पाण्डेय व अन्य उपस्थित थे।
राजभवन सभागार में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद् द्वारा हिंदी और संस्कृत पर कार्यक्रम